भाषा और व्याकरण-त्रिलोक नाथ पाण्डेय हिंदी विभागाध्यक्ष संत जोसेफ विद्यालय ,मारतम पूर्व सिक्किम |
- हिंदी बोलने वालों की संख्या ६० करोंड़ से भी अधिक है|
- भारत के बहुसंख्यक लोगों की भाषा होने के कारण,हिंदी भारत देश की राष्ट्र -भाषा है|
- हिंदी भाषा की बीजवपन काल १००० ईसा पूर्व से मन जाता है|
- हिंदी को भारत के संविधान के भाग -१७,अध्याय -१ की धारा ३४३ (i) के अनुसार भारत संघ की राज भाषा घोषित किया गया है |
- हिंदी तीसरे स्थान पर -विश्व में सबसे अधिक बोले जाने वाली भाषा है |
- हिंदी देवनागरी लिपि में लिखी जाती है | देवनागरी लिपि का विकास ब्राह्मी लिपि की उत्तरी शाखा से हुआ है |
इनका विवरण निम्नवत है:-
- पश्चिमी हिंदी ---- १ . ब्रज भाषा ;२. खड़ी बोली ; ३. कन्नौजी ; ४. बांगरू ; ५. बुन्देली |
- पूर्वी हिंदी ---- १. अवधी ; २. बघेली ; ३. छत्तीसगढ़ी |
- बिहारी हिंदी ---- १. मैथिलि ; २. मगही ; ३. भोजपुरी |
- राजस्थानी हिंदी ---- १. मेवाती ; २. मालवी ; ३. मारवाड़ी ; ४. जयपुरी |
- पहाड़ी हिंदी ---- १. गढवाली ; २. कुमायूँनी ; ३. नेपाली |
हिंदी का क्षेत्र :--
- उत्तर प्रदेश
- उत्तरांचल
- हिमाचल प्रदेश
- हरियाणा
- दिल्ली
- राजस्थान
- बिहार
- झारखण्ड
- मध्य प्रदेश
- छत्तीसगढ़ |
- हिंदी की देवनागरी वर्णमाला में कुल ५२ वर्ण हैं |
- कंठ्य ---- क , ख , ग ,घ , ङ
- तालव्य ---- च , छ , ज , झ ,ञ
- मूर्धन्य ---- ट , ठ , ड , ढ , ण
- दन्त्य ---- त , थ , द , ध , न
- ओष्ठ्य ---- प , फ , ब , भ , म
- अन्तस्थ ---- य , र , ल , व
- ऊष्म ---- श , ष , स , ह
- संयुक्त व्यंजन ---- क्ष , त्र , ज्ञ , श्र
- द्विगुण व्यंजन ---- ड़ , ढ़
इन व्यंजनों के अतिरिक्त देवनागरी लिपि में निम्न स्वर हैं :---
- स्वर --- अ , आ , इ , ई , उ , ऊ , ऋ , ए , ऐ , ओ , औ
- अनुस्वार --- अं , अँ
- विसर्ग --- अ:
- *Varnamala Geet Hindi Alphabet Song - यौतुबे
- *Hindi Vyanjan 4 - यौतुबे
- मानक हिंदी का मूल आधार खड़ी बोली है |
- हिंदी भारत के अतिरिक्त नेपाल, मारीशस ,त्रिनिडाड ,फिजी , लंका , म्यांमार , मलाया , सूरीनाम ,और दक्षिण अफ्रीका में भी बोली जाती है |
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***व्याकरण :----
(अ ) संज्ञा
- संज्ञा की परिभाषा ---- किसी प्राणी , वस्तु , या स्थान के नाम को संज्ञा कहते हैं , जैसे :-- राम ,पुस्तक , आगरा |
- संज्ञा के भेद :----
- व्यक्तिवाचक --- राम , पुस्तक , कलम , हिमालय
- जातिवाचक --- लड़की , स्त्री , पर्वत , नदी
- भाववाचक --- क्रोध , प्रेम , घृणा , ईर्ष्या
- लिंग --- लिंग से संज्ञा की जाति का बोध होता है कि वह पुरूष है या स्त्री | हिंदी में दो लिंग हैं :--
- पुलिंग --- लड़का , सूर्य , पेड़
- स्त्रीलिंग --- लड़की , किरण , गंगा
- वचन --- वचन से संज्ञा कि संख्या का बोध होता है |
- एकवचन --- लड़का खेल रहा है |
- बहुवचन --- लड़कियां खेल रहीं हैं |
- कारक --- हिंदी में आठ कारक चिन्ह हैं :----
- कर्ता : ने
- कर्म : को
- करण : से , के द्वारा
- सम्प्रदान : के लिए
- अपादान : से
- सम्बन्ध : का , की , के
- अधिकरण : में , पर
- संबोधन : हे , अरे
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