हिंदुस्तान अगर प्रेम के सिद्धांत को अपने धर्म के एक सक्रिय अंश के रूप में स्वीकार करे और उसे अपनी राजनीति में शामिल करे तो स्वराज स्वर्ग से हिंदुस्तान की धरती पर उतरेगा... आगे...
प्रस्तुत निबंध संग्रह में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ के चौदह आलोचनात्मक निबन्ध संग्रहीत हैं जो वर्तमान हिन्दी साहित्य के विषय पर लिखे गये हैं... आगे...
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